Thursday, October 11, 2012



1] फेसबुक मैत्री सम्मेलन का आयोजन


भरतपुर। यहॉं 29-30 सितम्बर,2012 को हम सब साथ साथ पत्रिका, नई दिल्ली एवं अपना घर, भरतपुर के संयुक्त तत्वावधान में फेसबुक से जुड़ी साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक प्रतिभाओं को एक मंच पर इकट्ठा करने व उन्हें एक-दूसरे से रूबरू कराने के उद्वेश्य से भरतपुर (राजस्थान) में फेसबुक मैत्री सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया।  सम्मेलन के दौरान परिचय सत्र, विचार-विमर्श गोष्ठी, श्री किशोर श्रीवास्तव कृत जन चेतना कार्टून पोस्टर प्रदर्शनी ‘‘खरी-खरी‘‘ के आयोजन सहित गीत-संगीत की चौपाल व कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। 

सम्मेलन के दौरान प्रतिभागियों के लिये फतेहपुर सीकरी के भ्रमण का कार्यक्रम भी रखा गया। जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में शामिल प्रमुख व्यक्तित्वों में सर्वश्री पं. सुरेश नीरव, सुभाष चंदर, अरविन्द पथिक (गाजियाबाद), रघुनाथ मिश्र (कोटा), ए. कीर्तिवर्द्धन (मुजफ्फर नगर), अशोक खत्री (भरतपुर), यशवन्त दीक्षित (नागदा), मानव मेहता (टोहाना), ओम प्रकाश यती, ऋचा मि़श्रा (नौएडा), नवीन शुक्ला (झांसी), संदीप सृजन (उज्जैन), अतुल जैन सुराणा (आस्था), अजय अज्ञात (फरीदाबाद) सहित दिल्ली से डा. रेखा व्यास, साज़ देहलवी,  डा. सुधाकर आशावादी, सुषमा भंडारी, शशि श्रीवास्तव, पूनम माटिया, संगीता शर्मा, पूनम तुषामड, किशोर श्रीवास्तव, डा. मधुर, हेमलता एवं अनेक स्थानीय प्रतिभाओं ने भाग लिया और अपनी विभिन्न कलाओं से समारोह को विशेष गरिमा प्रदान की। 

सम्मेलन के दौरान जहां श्रीमती सुषमा भंडारी की काव्य कृति ‘अक्सर ऐसा भी’ का गणमान्य अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया वहीं सर्वश्री सुरेश नीरव एवं पूनम माटिया को श्रीमती सरस्वती सिंह स्मृति मैत्री-भाईचारा अवार्ड व अन्य प्रतिभाओं को प्रतिभागिता सम्मान से सम्मानित भी किया गया। 

सम्मेलन के विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता सर्वश्री पं. सुरेश नीरव एवं सुभाष चंदर ने की वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री रघुनाथ मिश्र उपस्थित थे। संचालन क्रमशः सर्वश्री अरविन्द पथिक व किशोर श्रीवास्तव ने किया। अंत में आभार अपना घर के संचालक द्वय  डॉ. भारद्वाज एवं श्रीमती माधुरी ने व्यक्त किया।
हम सब साथ साथ पत्रिका की संपादक 



2] श्रीमती शशि श्रीवास्तव को संपादक रत्न की उपाधि

नई दिल्ली। पिछले दिनों साहित्य मण्डल श्रीनाथद्वारा द्वारा श्रीनाथद्वारा (राजस्थान) में आयोजित हिन्दी लाओ, देश बचाओ नामक भव्य समारोह के दौरान अनेक हिन्दी सेवियों व संपादकों को सम्मानित किया गया। सम्मानित विद्वानों में दिल्ली से मैत्री-भाईचारे के प्रचार-प्रसार व साहित्यकारों को अनेक उपयोगी सूचनायें प्रदान करने में विगत 10 वर्षों से निरन्तर संलग्न पत्रिका हम सब साथ साथ की संपादक श्रीमती शशि श्रीवास्तव को संपादक रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया। 




3] स्व. श्री अजय कुमार शुक्ल, स्मृति युवा कविता प्रतियोगिता हेतु प्रविष्टियां आमंत्रित 
 
हम सब साथ साथ पत्रिका एवं अक्षित लैगवेज सर्विस द्वारा कन्या भ्रूण हत्या विषय पर 35 वर्ष तक के युवा कवियोंें के लिये आयोजित स्व. श्री अजय कुमार शुक्ल, स्मृति युवा कविता प्रतियोगिता हेतु देश भर की युवा प्रतिभाओं से 20 दिसम्बर,2012 तक स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित कवितायें उनके स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित होने की घोषणा, जन्म प्रमाण पत्र, फोटो एवं बायोडाटा के साथ नीचे दिये गये पते पर आमंत्रित हैं। चयनित प्रतिभाओं को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में नकद धनराशि, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया जायेगा।
प्रविष्टियां भेजने का पताः- कविता प्रतियोगिता, द्वारा, संपादक- हम सब साथ साथ पत्रिका,                
                        916- बाबा फरीदपुरी, वेस्ट पटेल नगर, नई दिल्ली-110008 मो. 9868709348

Monday, August 6, 2012

मेधावी छात्र/छात्रा सम्मान एवं प्रतिभा प्रदर्शन कार्यक्रम









नई दिल्ली। यहां हम सब साथ साथ पत्रिका एवं वूमन डेवलपमेंट एण्ड एन्वार्यनमेंट फाउण्डेशन, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में बाबा फरीदपुरी (वेस्ट पटेल नगर) के गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा में क्षेत्रीय स्तर पर मेधावी छात्र/छात्रा सम्मान एवं प्रतिभा प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वर्ष 2011-12 की विभिन्न परीक्षाओं में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने वाले क्षेत्र के प्रतिभाशाली बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि निगम पार्षद, श्रीमती पूर्णिमा विधार्थी थीं एवं अध्यक्षता राष्ट्रकिंकर के संपादक श्री विनोद बब्बर ने की। इस अवसर पर वूमन डेवलपमेंट एण्ड एन्वार्यनमेंट फाउण्डेशन की प्रभारी श्रीमती रेनू चौहान एवं मॉडल व एक्ट्रेस सुश्री रीता राय भी विशिष्ट अतिथि के रूप में बच्चों के बीच उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों के अलावा साहित्यकार सर्वश्री राज बाल्मिकी एवं प्रेरणा चतुर्वेदी ने भी बच्चों को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन भी किया जिसमें कु. जै़नब की कविता लड़की या ग़लतीएवं हर्षित व गर्वित के नृत्य को खूब सराहना मिली। कार्यक्रम का संचालन हम सब साथ साथ के कार्यकारी संपादक श्री किशोर श्रीवास्तव ने किया एवं आभार प्रदर्शन किया पत्रिका की संपादक श्रीमती शशि ने।

Tuesday, July 17, 2012


10 जुलाई,2012 को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में सीमापुरी टाइम्स द्वारा एक समारोह के दौरान राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड का वितरण किया गया । इस अवसर पर केंद्रीय कोयला मंत्री श्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने अनेक जानी-मानी हस्तियों को सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में हम सब साथ साथ के सर्वश्री विनोद बब्बर, सृष्टि सिन्हा एवं किशोर श्रीवास्तव के नाम विशेष उल्लेखनीय रहे।




Monday, July 16, 2012

सामाजिक विसंगतियों व कुरीतियों पर रचनायें आमंत्रित


हम सब साथ साथ पत्रिका के सामाजिक विसंगतियों व कुरीतियों पर आधारित सितम्बर-अक्तूबर,2012 अंक हेतु स्वरचित, मौलिक व अप्रकाशित कविता, कहानी, मुद्दा आधारित लेख व कहानी आदि 10 अगस्त,2012 तक फोटो, परिचय के साथ आमंत्रित हैं। इसी अंक के विचार-विमर्श स्तंभ हेतु ‘‘सामाजिक कुरीतियां मिटाने में कौन अधिक सक्षम, कानून या स्वयं समाज’’ पर संक्षिप्त व सारगर्भित विचार भी फोटो सहित आमंत्रित हैं। पताः संपादक, हम सब साथ साथ पत्रिका,916-बाबा फरीदपुरी, वेस्ट पटेल नगर, नई दिल्ली-110008 
मो. 8447673015 
ईमेलः humsabsathsath@gmail.com

Tuesday, June 19, 2012


पं. दामोदरदास चतुर्वेदी स्मृति सम्मान व रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस समारोह का आयोजन


नई दिल्ली। गत् 16 एवं 17 जून को यहां भारतीय सांस्कृतिक परिषद के सौजन्य से व सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति एवं बुन्देलखंड विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में दिल्ली स्थित आजाद भवन में दामोदर दास चतुर्वेदी स्मृति सम्मान एवं महारानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस समारोह का अत्यन्त सफल व प्रेरक आयोजन किया गया। दोनों दिन विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारम्भ क्रमशः श्री दामोदर दास एवं महारानी लक्ष्मीबाई के चित्र पर पुष्प अर्पण, दीप प्रज्जवलन एवं किशोर श्रीवास्तव व साथियों के भाईचारा गीत के साथ हुआ। 











पहले दिन के साहित्यिक समारोह में जहां अनेक कवियों ने समां बांधा वहीं दूसरे दिन के समारोह का मुख्य आकर्षण रहा अंकित जैन एंड पार्टी द्वारा श्री प्रदीप जैन द्वारा लिखित गीत ‘हम बुंदेले, हम बुंदेले’ का मंचन व साहित्य कला परिषद के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रानी झांसी पर आधारित नृत्य नाटिका। इन कार्यक्रमों ने दर्शकों का खूब मन मोहा। पहले दिन के विभिन्न कार्यक्रमों का कुशल संचालन जहाँ सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति के स्थानीय प्रमुख श्री सुरेश नीरव व अरविन्द पथिक ने किया वहीं दूसरे दिन के कार्यक्रम का संचालन बुन्देलखंड विकास परिषद के पदाधिकारी श्री अवधेश चौबे ने किया। पहले दिन के समारोह के मुख्य अतिथि सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी एवं दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष डा० योगानंद शास्त्री ने भाषाओं के माध्यम से देश को जोडने पर बल दिया एवं दूसरे दिन के समारोह के मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री प्रदीप जैन एवं समाजवादी नेता रघुठाकुर, पूर्व सांसद श्री उदय प्रताप सिंह व विधायक डॉ. एस. सी. एल. गुप्ता ने अपने भाषणों में रानी झांसी की स्मृति को ताजा करते हुए राष्ट्रीय एकता का आवाह्न करके श्रोताओं का खूब दिल जीता। 

दोनों अवसरों पर शिक्षा, प्रशासन, फिल्म, चिकित्सा, साहित्य एवं कला आदि क्षेत्रों की अनेक जानी-मानी हस्तियों को सम्मानित भी किया गया। जिनमें पहले दिन दामोदर दास स्मृति सम्मान से सर्वश्री  बी. एल. गौड, सुभाष जैन, राजकुमार सचान होरी, प्रशांत योगी, डा. प्रदीप चतुर्वेदी, प्रवीण चौहान, अशोक शर्मा, डा. लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, शरददत्त, रिंद सागरी, डा. जया बंसल, कुंवर जावेद, ब्रजेंद्र त्रिपाठी, विजय आईदासानी, डा० रिचा सूद, अरूण सागर, जय कुमार रूसवा को नवाजा गया। इसी प्रकार से बुंदेलखंड विकास परिषद के प्रतिभा सम्मान से सर्वश्री डॉ. वी. के अग्रवाल, डॉ. ओ. पी. रावत, इंजि. वी. के. शर्मा, अरूण खरे, राजीव दुबे, डॉ. बी. एल. जैन, डॉ. वी. के. जैन, कामिनी बघेल एवं डॉ. अनिल जैन आदि को सम्मानित किया गया। 

दो दिनों तक चले इस समारोह में श्री किशोर श्रीवास्तव की जन चेतना कार्टून पोस्टर प्रदर्शनी ‘खरी-खरी’ भी दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनी रही।
- हम सब साथ साथ डेस्क, नई दिल्ली मो. 9868709348

Monday, May 7, 2012

पुस्तक लोकार्पण एवं सम्मान समारोह





दिल्ली। यहां 1 मई,2012 को दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन, हम सब साथ साथ, राष्ट्रकिंकर व लाल कला एवं सांस्कृतिक मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पुस्तक लोकार्पण एवं सम्मान समारोह में देश के दिग्गज साहित्य पुरोधाओं के सानिध्य और विभिन्न प्रांतों से पधारे साहित्य मनीषियों, कवियों एवं पत्रकारों की गरिमामयी उपस्थिति के बीच कुंवर विक्रमादित्य सिंह विरचित  प्रथम काव्य कृति ‘कुछ तो रह गया होगा’ का लोकार्पण दिल्ली के हिन्दी भवन में सम्पन्न हुआ। 



इस अवसर पर देश के प्रख्यात साहित्यकार व समालोचक डॉ. नामवर सिंह ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में फूटे इस नवांकुर का हम स्वागत करते हैं। उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में उतरने वाले प्रत्येक युवा को इंगित करते हुए अपनी विशिष्ट शैली में कहा, ‘वे छंदबद्ध रचना करते हों तो छंदशास्त्र का भरपूर ज्ञान प्राप्त कर इस विधा में उतरें अन्यथा छंदमुक्त रचना ही करें।’ 

कार्यक्रम का आकर्षण रहे गीतों के सम्राट पद्मभूषण डॉ. गोपालदास नीरज ने अपने चिरपरिचित अंदाज और बुलंद आवाज में जहाँ अपने गीतों से वातावरण को सरस बनाया वहीं युवा रचनाकार कुंवर विक्रमादित्य को आशीर्वाद व ढेरों शुभकामनाओं से भी नवाजा।


कार्यक्रम अध्यक्ष आकाशवाणी निदेशक डॉ. लक्ष्मीशंकर वाजपेयी ने अपने कुछ सुझाव प्रस्तुत करते हुए रचनाकार को शुभकामनाएं दीं।


डॉ. ए. कीर्तिवर्द्धन द्वारा संचालित परिचर्चा में मुख्य वक्ता डॉ. विनोद बब्बर एवं डॉ. हरिसिंह पाल ने अनेक रचनाओं के संदर्भाे की व्याख्या करते हुए प्रस्तुत कृति के लिए रचनाकार को बधाई दी। दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. महेशचन्द शर्मा एवं सरस्वती सुमन पत्रिका के प्रधान संपादक श्री आनन्द सुमन ने सभी साहित्य मनीषियों का स्वागत करते हुए हिन्दी और हिन्दी साहित्य के प्रति अपनी संस्था की प्रतिब़द्धता की चर्चा करते हुए युवा रचनाकारों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर बल दिया। इस समारोह में लाल कला एवं सांस्कृतिक मंच की ओर से संस्था के संरक्षक श्री लालबिहारी लाल ने कुंवर विक्रमादित्य सिंह तथा डॉ. ए.कीर्तिवर्द्धन को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित भी किया। 

समारोह का प्रारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इसके बाद श्रीमती सुषमा भंडारी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की एवं तत्पश्चात्  हम सब साथ साथ के कार्यकारी संपादक श्री किशोर श्रीवास्तव के साथ श्रीमती सुषमा भंडारी व दिव्यांशु श्रीवास्तव ने ‘इंसान का इंसान से हो भाईचारा’ नामक भाईचारा गीत प्रस्तुत किया। 




समारोह के अंतिम चरण में ‘हम सब साथ-साथ’ पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी अपने प्रतिभाशाली सदस्यों को सम्मानित किया। इस वर्ष के सम्मान प्राप्तकर्ताओं में सर्वश्री  सीताराम चौहान, रेनू चौहान (दिल्ली) अशोक वर्मा (चंद्रपुर, महाराष्ट्र) एवं कामिनी बघेल (झांसी) को उनकी उल्लेखनीय साहित्य व कला संबंधी गतिविधियों के लिये वरिष्ठ प्रतिभा सम्मान तथा असीम शुक्ल (कानपुर), अनिल  श्रीवास्तव (गुड़गांव) व पूनम  तुषामड (दिल्ली) को उनकी उल्लेखनीय साहित्य व कला संबंधी सेवाओं के लिये युवा प्रतिभा सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर हम सब साथ साथ पत्रिका में उत्कृष्ट लेखन के लिये श्री घमंडी लाल अग्रवाल (गुड़गांव़) को भी सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले अन्य सदस्यों में सर्वश्री श्रवण कुमार शर्मा (भीनमाल, राज.), कुसुम अग्रवाल (गाज़ियाबाद) एवं अमृता शुक्ला (रायपुर, छ.ग.) के नाम भी विशेष उल्लेखनीय रहे।

समारोह के दौरान श्रीमती सोनाली मिश्रा की सद्य प्रकाषित कहानी संग्रह दर्पण का लोकार्पण भी अतिथियों द्वारा किया गया।

समारोह का संचालन तीन चरणों में क्रमशः सर्वश्री विनोद बब्बर, ए. कीर्तिवर्द्धन व किशोर श्रीवास्तव ने किया।

समारोह में सर्वश्री शेरजंग गर्ग, अशोक अंजुम, महेन्द्रपाल काम्बोज, इन्दिरा मोहन, सुरजीत सिंह जोबन, जयसिंह ‘जय’, उमाशंकर मिश्र, ब्रजपाल सिंह संत, ज्ञानेन्द्र पाण्डेय गाफिल स्वामी, एडवोकेट राकेश श्रीवास्तव, सुभाष चंदर, हरिन्द्र पंतगा, किशोर उपाध्याय, नमिता राकेश, कुन्ती हरीरामडॉ. रवि शर्मा, सुषमा भरद्वाज, विपिन चौधरी, पूनम मटिया, प्रेम कुमार गौतम, साकेत सुमन चतुर्वेदी एव हम सब साथ साथ की संपादक शशि श्रीवास्तव सहित अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति ने समारोह को विशेष गरिमा प्रदान की।




Monday, March 12, 2012

मई-जून, 2012 अंक हेतु मुद्दा, कहानी, लघुकथा, व्यंग्य, कविताएं आदि आमंत्रित

हम सब साथ साथ पत्रिका के मई-जून, 2012 अंक हेतु सारगर्भित व चिंतन-मनन योग्य उत्कृष्ट प्रकाशन सामग्री (मुद्दा, कहानी, लघुकथा, व्यंग्य, कविताएं आदि) आमंत्रित हैं। इसी अंक के विचार-विमर्श स्तंभ हेतु ‘संयुक्त परिवार: लाभ या हानि’ विषय पर सारगर्भित विचार गद्य (250 शब्दों में, या पद्य -150 शब्दों में) पासपोर्ट आकार के साफ फोटोग्राफ सहित प्रेषित करें। ‘हम सब साथ साथ’ को पहली बार अपनी रचनाएं भेजते समय कृपया अपना परिचय व पासपोर्ट आकार का फोटोग्राफ अवश्य भेजें। रचनाएं डाक व ईमेल किसी भी माध्यम् से भेजी जा सकती हैं। अंतिम तिथिः 30 मार्च, 2012। निर्णय की सूचना या रचना की वापसी हेतु जवाबी पोस्टकार्ड/लिफाफा संलग्न किया जा सकता है। पताः संपादक-हम सब साथ साथ पत्रिका, 916, बाबा फरीदपुरी, वेस्ट पटेल नगर, नई दिल्ली-110008 मो. 9868709348 एवं 8447673015

Tuesday, February 21, 2012

महाराष्ट्र के नांदेड़ में संपन्न हुआ अ. भा. लेखक सम्मेलन/हम सब साथ साथ के सदस्य हुए सम्मानित

नांदेड, महाराष्ट्र। दिल्ली सरकार की हिन्दी अकादमी एवं अहिन्दी भाषी हिन्दी लेखक संघ के संयुक्त तत्त्वावधान में महान साहित्यकार, चिंतक, समाज सुधारक गुरु गोविंद सिंह महाराज की कर्मभूमि नांदेड में आयोजित त्रिदिवसीय अखिल भारतीय लेखक सम्मेलन में देशभर से पधारे विद्वानों ने हिन्दी को एकता के सूत्र में बांधने वाली शक्ति बताते हुए इसके अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया गया। स्वामी रामानंद तीर्थ विश्वविद्यालय के सायन्स कॉलेज के भव्य सभागार में विभिन्न सत्रों में चर्चा, कवि सम्मेलन, किशोर कृत ‘‘खरी-खरी’’ कार्टून पोस्टर प्रदर्शनी, तथा सम्मान समारोह के दौरान बहुत बड़ी संख्या में स्थानीय लेखक, पत्रकार, अध्यापक, शोध छात्र तथा हिन्दीप्रेमी लगातार उपस्थित रहे।
प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र में गुरुद्वारा हजूर साहिब सचखंड के मुख्यग्रन्थी प्रतापसिंह की उपस्थिति में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य एवं पूर्व सांसद लेखक स. हरविंदर सिंह हंसपाल, कालेज अध्यक्ष डा. व्यंकटेश काब्दे, हिन्दी अकादमी के उपसचिव डा. हरिसुमन बिष्ट, प्राचार्य डा. जी.एम.कलमसे तथा संस्था के अध्यक्ष डॉ. हरमहेन्दर सिंह बेदी ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का शुभारम्भ किया। स्थानीय संयोजिका सायन्स कालेज हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. अरुणा राजेन्द्र शुक्ल ने गुरु गोविंद सिंह के साथ निजाम के अत्याचारी शासन के विरूद्ध संघर्ष करने वाले, क्षेत्र के मुक्तिदाता के रूप में स्थापित स्वामी रामानंद तीर्थ को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। हजूर साहिब सचखंड के मुख्यग्रन्थी ने गुरुजी की अंतिम कर्मभूमि नांदेड़ के विषय में अनेक ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी दी वहीं स. हंसपाल एवं अन्य सभी वक्ताओं ने हिन्दी और गुरुगोविंद सिंह के साहित्य दर्शन को राष्ट्रीय एकता का पर्याय बताया। संयोजक सुरजीत सिंह जोबन ने देश के विभिन्न भागों से पधारे साहित्यकारों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
चायकाल के बाद जानेमाने कवि महेन्द्र शर्मा द्वारा संचालित कवि सम्मेलन का आगाज देवबंद के डा. महेन्द्रपाल काम्बोज के ओजस्वी स्वर में गुरुजी की यशोगान से हुआ। देर रात तक चले कवि सम्मेलन में सर्वश्री हर्षकुमार, नरेन्द्रसिंह होशियार पुरी, मनोहर देहलवी, किशोर श्रीवास्तव, विनोद बब्बर, डा. रामनिवास मानव, डा.कीर्तिवर्द्धन, अतुल त्रिपाठी, ओमप्रकाश हयारण दर्द, डा.अहिल्या मिश्र, डा. अरुणा शुक्ल, संतोष टेलवीकर, ज्योति मुंगल, संगमलाल भंवर, डा. हरिसुमन बिष्ट आदि ने राष्ट्रीय एकता के विभिन्न रंग बिखेरे।
द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में हजूर साहिब के मुख्य कथाकार ज्ञानी अमरसिंह की उपस्थिति में ‘गुरु गोविंदसिंह और उनका साहित्य साहित्य’ विषय पर परिचर्चा के दौरान अमृतसर के नानकदेव विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष रहे डॉ. हरमहेन्दर सिंह बेदी ने गुरुजी रचित ‘विचित्र नाटक’ को प्रथम आत्मकथा बताया। डा. बेदी के अनुसार गुरुजी ने अपने जन्म स्थान पटना से आनंदपुर और फिर दक्षिण भारत तक के सम्पूर्ण क्षेत्र को अपना कर्मक्षेत्र बनाया। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए तलवार उठाई वहीं साहित्यिक समृद्धि के लिए कलम का सहारा भी लिया। अपने अल्प जीवन में ही महान कार्य करने वाले गुरुजी जुझारू योद्धा ही नहीं अनेक भाषाओं के विद्वान भी थे। अन्य वक्ताओं में अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी शिक्षण केन्द्र शिमला की अध्यक्षा प्रो.जोगेश कौर, इन्दौर के डॉ. प्रताप सिंह सोढ़ी, हैदराबाद की अहिल्या मिश्र, नांदेड़ की एम.ए. की छात्रा श्रीमती पूनम शुक्ल तथा डा. परमेन्दर कौर भी शामिल थे। इसी सत्र में स. सुरजीत सिंह जोबन के अभिनंदन ग्रन्थ ‘खुश्बु बन कर जिऊंगा’ की प्रथम प्रति संपादक डा. रामनिवास मानव ने मंच पर विराजमान अतिथियों को भेंट कर लोकार्पण करने का आग्रह किया। तत्पश्चात डा. अरुणा राजेन्द्र शुक्ल के शोधग्रन्थ ‘नरेश मेहता के उपन्यासों में व्यक्त अवदान’ का लोकार्पण किया गया। इस सत्र का संचालन राष्ट्र-किंकर के संपादक श्री विनोद बब्बर ने किया।

भोजनोपरान्त द्वितीय सत्र में ‘अहिन्दीभाषी प्रदेशों का हिन्दी लेखन’ विषय पर परिचर्चा में मुख्य वक्ता विनोद बब्बर ने हिन्दुस्तान की आजादी के 65 वर्ष बाद भी यहाँ अहिन्दीभाषी शब्द के प्रयोग को अपमानजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसके लिए सरकारों की ढुलमुल नीति को जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने मातृभाषा और राष्ट्रभाषा को दोनों आंखें बताते हुए इनमें संतुलन की आवश्यकता बताई लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इन दोनों आँखों पर पट्टी बांधने तथा तीसरी आँख (अंग्रेजी) को प्रभावी बनाने के प्रयास हो रहे हैं जबकि तीसरा नेत्र विनाश का सूचक है। इस सत्र में डा.हरि सिंह पाल, डा.शहाबुद्दीन शेख, डा.रेखा मोरे, डा.ज्योति टेलवेकर ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। चायपान के बाद के सत्र में कवि सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से आये कवियों ने अपनी श्रेष्ठ रचनाओं से वातावरण को हिन्दी कवितामय बनाया।
तीसरे दिन के प्रथम सत्र में क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक श्री ओमप्रकाश पोकार्णा ने नांदेड की पवित्र भूमि पर सभी का स्वागत करते हुए सम्मेलन को राष्ट्रीय एकता का महाकुम्भ घोषित किया। विधायक महोदय ने हिन्दी के प्रति समर्पण के लिए स. सुरजीत सिंह जोबन तथा विनोद बब्बर को सम्मानित करते हुए उनके साहित्यिक अवदान की प्रशंसा की। इसी सत्र में ‘अंतर्राज्यीय भाषायी संवाद’ विषय पर हिन्दी अकादमी के उपसचिव डा. हरिसुमन बिष्ट ने मुख्य वक्ता के रूप में आदिकाल से आधुनिक काल तक के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम व बाद में राष्ट्रभाषा बनने तक हिन्दी की राष्ट्रीय पहचान को रेखांकित करते हुए आज के वैश्वीकरण के दौर में हिन्दी को सम्पूर्ण राष्ट्र की आवश्यकता बताया। डा. बिष्ट के अनुसार राष्ट्रभाषा, सम्पर्क भाषा, आम बोलचाल की भाषा हिन्दी ही है इसीलिए यह हम सभी को एकसूत्रता में पिरोती है। डा. रामनिवास मानव की अध्यक्षता एवं डा. अरूणा के संचालन में डॉ. बेदी, आकाशवाणी दिल्ली के पुर्व राजभाषा निदेशक डा.कृष्ण नारायण पाण्डेय, डा. मान, डा. रमा येवले प्रमुख वक्ता थे।
अंतिम सत्र में स. हंसपाल, डा. बेदी नांदेड़ एजुकेशन सो. के उपाध्यक्ष श्र सदाशिवराव पाटिल, प्राचार्य डा. कलमसे ने विद्वानों को ‘भाषा रत्न’ सम्मान प्रदान कर उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
नांदेड़ से दिल्ली लौटते हुए सचखंड एक्सप्रेस के वातानुकुलित डिब्बे में कविगोष्ठी तथा डा. हरिसुमन विष्ट के उपन्यास अछनी-बछनी के कुछ अंशों का वाचन तथा समीक्षा संवाद आयोजित किये गये। इस नवप्रयोग की संकल्पना डा. रामनिवास मानव ने प्रस्तुत की जिसमें 25 से अधिक साहित्यकारों ने भाग लिया। सम्मेलन के दौरान विभिन्न प्रतिभागियों सहित  हम सब साथ साथ की ज्योति गजभिये को साहित्य सम्मान, विनोद बब्बर एवं  किशोर श्रीवास्तव को भाषा रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।