हम सब साथ साथ पत्रिका का सितंबर-अक्तूबर, 2011 अंक ‘‘वृद्धावस्था’’ पर केंद्रित रहेगा। इसके लिए समाज मे बुजुर्गों की कल और आज की स्थिति, उनका महत्व, मान-अपमान, समाज व परिवार का उनके प्रति व उनका दूसरों के प्रति नज़रिया आदि को केंद्र में रखकर लिखी गई सारगर्भित व चिंतन-मनन योग्य उत्कृष्ट प्रकाशन सामग्री (मुद्दा, कहानी, लघुकथा, व्यंग्य, कविताएं आदि) आमंत्रित हैं। इसी अंक के विचार-विमर्श स्तंभ हेतु ‘वृद्धावस्था अभिशाप या वरदान ?’ विषय पर सारगर्भित विचार गद्य (250 शब्दों में) या पद्य (150 शब्दों में पासपोर्ट आकार के साफ फोटोग्राफ सहित प्रेषित करें। ‘हम सब साथ साथ’ को पहली बार अपनी रचनाएं भेजते समय कृपया अपना परिचय व पासपोर्ट आकार का फोटोग्राफ अवश्य भेजें। रचनाएं डाक व ईमेल किसी भी माध्यम् से भेजी जा सकती हैं। रचनाएं डाक से भेजें तो कृप्या लिफाफे पर ‘‘वृद्धावस्था अंक, 2011’’लिखें।अंतिम तिथिः 30 जुलाई, 2011निर्णय की सूचना या रचना की वापसी हेतु जवाबी पोस्टकार्ड/लिफाफा संलग्न किया जा सकता है।पताः संपादक-हम सब साथ साथ पत्रिका, 916, बाबा फरीदपुरी, वेस्ट पटेल नगर,नई दिल्ली-110008 मो. 9868709348 एवं 9716654047
email: humsabsathsath@gmail.com, hsss2004@indiatimes.com
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