Monday, December 5, 2011

भ्रष्टाचार पर केंद्रित अंक हेतु रचनाएं आमंत्रित:

हम सब साथ साथ पत्रिका के भ्रष्टाचार पर केंद्रित अगले अंक हेतु रचनाकार अपनी श्रेष्ठ अप्रकाशित रचनाएं (गीत, कविता, कहानी, लघुकथा व व्यंग्य आदि) अपने फोटो, परिचय सहित 20 दिसंबर,2011 तक भेजने का कष्ट करें। इस पत्रिका के विचार विमर्श स्तंभ हेतु आप ‘क्यों हैं हम जन्म से मृत्यु तक भ्रष्टाचार ढोने को विवश’ पर अपने संक्षिप्त विचार भी फोटो सहित भेज सकते हैं। 
ईमेल-humsabsathsath@gmail.com, hsss2004@indiatimes.com

Monday, November 21, 2011

गोवा में मिला ‘हम सब साथ साथ’ के सदस्यों को सम्मान


गोवा। पिछले दिनों कर्नाटक की प्रसिद्ध शैक्षिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था शिक्षक विकास परिषद ने ज्ञानदीप मंडल एवं शिक्षक विकास प्रतिष्ठान के साथ मिलकर गोवा में 17वें राष्ट्रीय शैक्षिक सम्मेलन का 2 दिवसीय आयोजन किया। इस आयोजन की मुख्य अतिथि थीं दिल्ली निवासी प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. राज बुद्धिराजा। अन्य विशिष्ट अतिथियों में सर्वश्री पांडुरंग नाइक, मोहन नाइक, डॉ दिवाकर गौर, विजय पंडित,  डॉ. विजयेन्द्र शर्मा, डॉ. आर. एल. शिवहरे आदि शामिल रहे। सम्मेलन के पहले दिन उद्घाटन सत्र में अनेक वक्ताओं ने अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए। संस्था के अध्यक्ष श्री आर. वी. कुलकर्णी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्था की गतिविधियों का परिचय दिया। इस सम्मेलन में कला प्रदर्शनी, शैक्षिक विचार-विमर्श एवं विभिन्न सांस्कृतिक व साहित्यिक कार्यक्रमों का सुदर व भव्य आयोजन किया गया। इसमें ढेर सारे स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया।
सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में देश के दूर दराज क्षेत्रों से पधारी विभिन्न साहित्यिक, सामाजिक, शैक्षिक व सांस्कृतिक क्षेत्र की अनेक प्रतिभाओं को राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय सम्मान भी प्रदान किया गया। इसमें जहाँ लाइफ टाइम अचीवमेंट राष्ट्रीय अवार्ड से डॉ. राज बुद्धिराजा को सम्मानित किया गया वहीं हम सब साथ साथ के सदस्यों सर्वश्री अखिलेश द्धिवेदी अकेला (दिल्ली) व डॉ. जगदीश चंद्र शर्मा (राजस्थान) को राष्ट्रीय साहित्य भूषण तथा डॉ. दिवाकर दिनेश गौड़ (गुजरात) को राष्ट्रीय शिक्षक भूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया। सम्मेलन के दौरान हम सब साथ साथ के सदस्यों सर्वश्री  नमिता राकेश (फरीदाबाद) व किशोर श्रीवास्तव ( दिल्ली ) को भी विशेष सम्मान प्रदान किया गया।
                                                                                                      रपटः इरफान सैफी राही, नई दिल्ली

Thursday, November 3, 2011

हम सब साथ साथ बाल, युवा एवं वरिष्ठ प्रतिभा सम्मान योजना-2012 हेतु प्रविष्टियां आमंत्रित

हम सब साथ साथ सदस्य परिवार के प्रत्येक आयु वर्ग की प्रतिभाओं को उनकी प्रतिभा के अनुरूप उचित मंच एवं मान देने के उद्देश्य से निः शुल्क आयोजित नीचे लिखे सम्मानों हेतु हम सब साथ साथ सदस्य परिवार में शामिल व्यक्तियों/उनके 15 वर्ष या उससे कम आयु के बच्चों से नीचे लिखे आयु वर्ग के अनुसार प्रविष्टियां आमंत्रित हैंः 1, बाल प्रतिभा पुरस्कार (8 से 15 आयु वर्ग) यह पुरस्कार कविता लेखन, नृत्य, कैरीकेचर, गायन, चित्रकारी आदि क्षेत्रों के उन बहुमुखी प्रतिभा के धनी बच्चों के लिए है, जिन्होंने अपने स्कूल/जिले/राज्य आदि के आयोजनों में उपर्युक्त विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए कम से कम 5 स्तरीय पुरस्कार प्राप्त किये हों 2, युवा प्रतिभा सम्मान (16 से 45 आयु वर्ग)ः यह पुरस्कार ऐसे युवा साहित्यकारों/कलाकारों के लिए है जोे विगत कम से कम पॉंच वर्षों से लेखन या कला के किसी क्षेत्र से जुड़े हों और विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने या मंच पर अपनी कला के प्रदर्शन के साथ ही अपने स्कूल, कालेज या शहर/राज्य आदि की संस्थाओं द्वारा लेखन, वाद विवाद, गीत-संगीत, नृत्य या अन्य किसी प्रतियोगिताओं आदि के माध्यम से सम्मानित या पुरस्कृत हुए हों। इसके लिए प्रतिभागी अपनी श्रेष्ठता प्रमाणित करने या दावे के समर्थन में अपनी प्रकाशित/अप्रकाशित श्रेष्ठ रचनाएं या कला की सीडी आदि प्रेषित करें 3, वरिष्ठ प्रतिभा सम्मान (45 वर्ष से ऊपर के सदस्यों के लिए)ः इस सम्मान हेतु उन प्रतिभाओं के नाम पर विचार किया जाएगा जिनका साहित्य, संगीत या कला/समाज सेवा के किसी क्षेत्र में कम से कम 10 वर्ष का उल्लेखनीय/उत्कृष्ट योगदान होगा और जिनकी कला को जिला, राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हो। इस सम्मान हेतु उनके प्रकाशित साहित्य/पुस्तकों/कार्यक्रमों की सीडी को भी संज्ञान में लिया जाएगा  4, लाइफ टाइम अचीवमेंट्स अवार्ड (60 वर्ष और उससे ऊपर आयु वर्ग के लिए)ः यह विशिष्ट/सर्वोच्च सम्मान वरिष्ठ सदस्यों की जीवनपर्यन्त (कम से कम 20 वर्ष की लगातार सेवा) की विशिष्ट उपलब्धियों के लिए है, विशेषकर ऐसे सदस्यों के लिए जिन्होंने लेखन, संगीत या कला के विभिन्न अन्य क्षेत्रों में बढ़ती उम्र के बावजू़द लगातार सक्रिय रहते हुए अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखी हो।  
नोटः 1, प्रतिभागी, सदस्यता क्रमांक सहित अपना पूर्ण विवरण, 2 पासपोर्ट आकार के फोटो, (बाल/वरिश्ठ प्रतिभा व लाइफ टाइम अचीवमेंट्स अवार्ड हेतु प्राप्त महत्त्वपूर्ण प्रमाणपत्रों आदि की फोटो प्रतियॉं भी संलग्न करें), आयु प्रमाण पत्र एवं अन्य वांछित जानकारी यदि कोई हो, टिकट लगे एवं  पते लिखे 2 पोस्टकार्ड, 1 जवाबी लिफाफे के साथ प्रेषित करें 2, सभी चयनित प्रतिभागियों को ख्याति प्राप्त साहित्यकारों, संपादकों एवं कलाकारों आदि की उपस्थिति एवं आतिथ्य में गरिमामयी कार्यक्रम में आमन्त्रित कर उनकी प्रतिभा के अनुरूप आकर्षक स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र एवं पुस्तकें (60 वर्ष से ऊपर की वरिष्ठ प्रतिभाओं को श्री फल, अंग वस्त्र सहित) आदि उपहार स्वरूप प्रदान की जायेंगी 3, कार्यक्रम में भाग लेने वाले बाहरी प्रतिभागियों के आवास, भोजन की सामान्य/घरेलू व्यवस्था प्रतिभागियों के चाहेनुसार हससासा द्वारा की जा सकती है 4, इस पुरस्कार योजना में एक ही श्रेणी में वे प्रतिभागी दोबारा भाग नहीं ले सकेंगे, जो पहले उसी श्रेणी में सम्मानित हो चुके हैं या एक सम्मान पा चुके सदस्य कम से कम 10 वर्ष बाद ही दूसरी श्रेणी का सम्मान पाने के पात्र होंगे  5, उपर्युक्त सम्मान योजना में चयनित प्रतिभागियों को सम्मान समारोह के समय मंच पर अपनी श्रेष्ठ प्रतिभा का प्रदर्शन भी करना होगा 6, बाल प्रतिभा सम्मान योजना के अंतर्गत प्रविष्टियां जिले के किसी प्रमुख व्यक्ति या स्कूल/कालेज/संस्थान के प्रधानाचार्य/  प्रमुख की टिप्पणी के साथ प्रेषित की जा सकती हैं  बाल प्रतिभा सम्मान हेतु वही बच्चे पात्र होंगे जो स्वयं या जिनके अभिभावक हम सब साथ साथ पत्रिका परिवार से पिछले लगातार पॉंच वर्षों से सदस्य के रूप में जुड़े होंगे या 15 अप्रैल, 2012 तक/या इससे पूर्व इसके आजीवन सदस्य होंगे। इसी प्रकार से युवा प्रतिभा सम्मान, वरिष्ठ प्रतिभा सम्मान/लाइफ टाइम अचीवमेंट्स अवार्ड हेतु सदस्य का स्वयं हम सब साथ साथ से पिछले लगातार 5 वर्षों से सदस्य के रूप में जुड़ा होना या 15 अप्रैल, 2012  तक/या इससे पूर्व इसका आजीवन सदस्य होना ज़रूरी है 7, सम्मान हेतु चयन के समय भेजी गई पुरस्कारों या सम्मानों की सूची के अलावा प्रतिभागी के कला/साहित्यिक योगदान को विशेष तवज्जो दिया जाएगा। केवल सदस्य होने मात्र से ही कोई व्यक्ति किसी सम्मान का पात्र नहीं होगा, उसकी प्रतिभा सर्वोपरि होगी 8, अपनी प्रविश्टि स्वयं भेजने के अलावा पाठकगण किसी अन्य सदस्य की प्रविष्टि को भी नियमानुसार विचारार्थ प्रेषित कर सकते हैं। अंतिम तिथिः प्रविष्टियॉं हम सब साथ साथ के कार्यालय में 15 अप्रैल, 2012 तक पहॅंुच जानी चाहिए।


हम सब साथ साथ पत्रिका का शुल्क दरः एक प्रतिः 15 रु. पत्रिका एवं पत्रिका के कला परिवार सहित शुल्क- वार्षिकः- 150 रु. पॉंच वर्षीयः 650 रु. आजीवनः  1200 रु. (10 वर्ष) संरक्षक सदस्यः 2100 रु. हम सब साथ साथ को विनिमय आधार पर नियमित रूप से अपनी पत्र/पत्रिकायें भेजने वाले संपादकों के लिए पांच वर्षीय शुल्क 350 रु. व आजीवन शुल्क 650 रु.
पताः संयोजक (सम्मान योजना), हम सब साथ साथ पत्रिका, 916- बाबा फरीदपुरी, वेस्ट पटेल नगर, नई दिल्ली-110008 मो. 9868709348 8447673015 ईमेलः humsabsathsath@gmail.com, hsss2004@indiatimes.com

Thursday, October 13, 2011

अरुण श्रीवास्तव ‘मुन्ना जी’ नहीं रहे....

हम सब साथ साथ के सहयोगी प्रकाशन, झांसी से प्रकाशित होने वाली कायस्थ
 समाज की लोकप्रिय पत्रिका ‘चित्रांश ज्योति’ के संस्थापक व प्रकाशक झांसी
 निवासी श्री अरुण श्रीवास्तव ‘मुन्ना जी’ का गत् 5 अक्तूबर, 2011 को लखनऊ
 स्थित मेडिकल कालेज में एक बीमारी के चलते आकस्मिक निधन हो गया। वह 52
 वर्ष के थे। अपने पीछे वह पत्नी सहित दो नाबालिग बच्चे छोड़ गए हैं। आप
 लगभग तीन दशकों तक दैनिक जागरण, झांसी के संपादकीय विभाग में कार्य करते
 हुए बतौर लेखक मुख्यतः 70-90 के दशक में रेडियो के अलावा दैनिक जागरण
 सहित धर्मयुग, लोटपोट, बाल भारती, दीवाना तेज, पराग, फिल्मी दुनिया,
माधुरी आदि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े रहे थे। विभिन्न
पत्र/पत्रिकाओं में प्रकाशित ‘आपके अटपटे प्रश्न और मुन्नाजी के चटपटे
उत्तर’ आपका लोकप्रिय स्तंभ रहा था। इस स्तंभ के अंतर्गत पाठकों के अटपटे
प्रश्नों के जवाब में आपके चटपटे व काव्यात्मक उत्तर उस समय बेहद
 लोकप्रिय रहे थे। आपने किशोरावस्था में ही लेखन व पत्रकारिता शुरू कर दी
 थी और उसी समय आपने ‘मृगपाल’ नामक एक मासिक पत्रिका का संपादन भी
 प्रारम्भ कर दिया था। आपको लेखन व पत्रकारिता के अलावा गायन व समाज सेवा
 का भी शौक था। आपने झांसी जिले में कायस्थ समाज के उत्थान के लिए भी अनेक
 कार्यक्रम आयोजित किए और अंतिम समय तक कायस्थ समाज की पत्रिका ‘चित्रांश
 ज्योति’ का प्रकाशन भी करते रहे। आपको विभिन्न उल्लेखनीय कार्यों के चलते
 अनेक सम्मान भी प्राप्त थे। आप अत्यन्त मिलनसार व सामाजिक प्रकृति के
 व्यक्ति थे। आपके आकस्मिक निधन से आपके हजारों चाहने वाले दुखी व स्तब्ध
 हैं।

Thursday, September 15, 2011

‘हम सब साथ साथ’ के अनेक सदस्यों को मिला पंचवटी राष्ट्रभाषा सम्मान





नई दिल्ली। यहां पंचवटी लोकसेवा समिति (पंजीकृत) द्वारा ं हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के पश्चात राष्ट्र-भाषा हिन्दी के संवर्द्धन में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 11 विद्वानों एवं सी.बी.एस.ई. की परीक्षा में 90 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 50 से अधिक छात्रों को सम्मानित किया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति के भाषा सलाहकार रहे डॉ. परमानंद पांचाल, विशिष्ट अतिथि हिन्दी संस्थान के अध्यक्ष रहे प्रो. नित्यानंद पाण्डेय एवं अध्यक्ष थे विवेकानंद मिशन के संचालक स्वामी विवेक भारती तथा पंचवटी लोकसेवा समिति के संरक्षक श्री अम्बरीश कुमार। समारोह के दौरान राष्ट्रभाषा हिंदी की उत्कृष्ट सेवा के लिए जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें ‘हम सब साथ साथ’ पत्रिका परिवार के सदस्यों सर्वश्री बीकानेर के अशफाक कादरी, मेरठ के शिवानंद सिंह सहयोगी, दिल्ली की शोभा रस्तोगी, अशोक कुमार, भवानीमंडी के राजेश पुरोहित एवं वाराणसी की डॉ. प्रेरणा दुबे सहित पदमश्री डॉ. रविन्द्र कुमार, सोनीपत हिन्दू कालेज के डीन. प्रो. ओमीश परुथी, अमलनेर, महाराष्ट्र के डॉ. सुरेश महेश्वरी,, असम विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्ष डॉ. शुभदा पाण्डेय  के नाम उल्लेखनीय हैं। इस अवसर पर देवबंद के पत्रकार श्री ओमवीर सिंह को पत्रकार गौरव-सम्मान भी प्रदान किया गया।

समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि डॉ. परमानंद पांचाल ने राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रति हमारी निक्रियता तथा अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार तथा आम जनता से हिन्दी के विकास पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने पंचवटी लोकसेवा समिति द्वारा राष्ट्रभाषा  को प्रोत्साहित करने की सराहना करते हुए सभी सम्मानित छात्रों एवं साहित्यकारों के प्रति अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। विशिष्ट अतिथि प्रो. नित्यानंद पाण्डेय ने भाषा के लिए सभी को आत्मचिंतन की सलाह दी तो अध्यक्षता कर रहे  स्वामी विवेक भारती ने 11 सितम्बर को आचार्य विनोबा भावे की जयन्ती, अमेरिका में ट्विन टावर विनाश, के साथ-साथ स्वामी विवेकानंद जी द्वारा शिकागों में किये गये उद्घोष दिवस की जानकारी देते हुए सभी से हिन्दी में ही हस्ताक्षर करने का संकल्प लेने का आह्वान किया तो समारोह में उपस्थित सैंकड़ों हिन्दी प्रेमियों ने करतल ध्वनि से उनका अनुसरण करने की पुष्टि की।  इस अवसर पर डॉ. विनोद बब्बर के सद्य प्रकाशित कहानी संग्रह ’फटा कोट’ तथा श्री चंदुलाल भदौरिया के काव्य संग्रह ‘सरसपान’ तथा ‘अर्पित श्रद्धा-अर्पित स्वर’ का लोकार्पण भी किया गया।

कविसम्मेलन का आगाज गीतकार नंदलाल ‘रसिक’ के सुमधुर स्वर से हुआ जिसमें श्री अमरेन्दर कुमार, डॉ. चन्द्रसेन (हिन्दी अकादमी), श्री सत्यदेव हरियाणी, श्री विनोद बंसल, श्री जितेन्द्र कुमार, श्री प्रद्युम्मन, प्रो. ओमीश परुथी सहित अनेक कवियों ने हिन्दी तथा हिन्दुस्तान का महिमागान करते हुए अपनी श्रेष्ठ रचनाएं सुनाई तो श्री किशोर श्रीवास्तव द्वारा गीतमय मिमिक्री कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रही। 
-रपटः लाल बिहारी लाल, नई दिल्ली

Tuesday, August 16, 2011

प्रथम फेसबुक मैत्री शिविर व संगोष्ठी आयोजित की गई...




नई दिल्ली। यहाँ स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हम सब साथ साथ एवं राष्ट्रकिंकर प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा आयोजित पहली फेसबुक मैत्री शिविर व संगोष्ठी में दिल्ली एनसीआर सहित विभिन्न दूरदराज क्षेत्रों के अनेक लोगों ने शामिल होकर आपसी मैत्री व भाईचारे को प्रगाढ़ किया। शिविर के प्रारम्भ में नित्यप्रति फेसबुक के माध्यम से नेट पर मिलने वाले मित्रों ने एक-दूसरे को अपना परिचय दिया और उसके पश्चात् फेसबुक की उपयोगिता व अनुपयोगिता पर जाने-माने साहित्यकारों व पत्रकारों, सर्वश्री विनोद बब्बर, सुभाष चंदर, नमिता राकेश, रेनू चौहान एव डॉ. हरीश अरोड़ा ने अपने-अपने रोचक व ज्ञानवर्द्धक विचार प्रस्तुत किए। तत्पश्चात् भरतपुर से पधारे अपना घर के संयोजक श्री अशोक खत्री सहित अनेक मित्रों ने उपर्युक्त विषय पर विचार-विमर्श में भाग लेते हुए अपने-अपने खट्टे-मीठे व रोचक अनुभव सुनाए। अनेक मित्रगणों ने जहाँ अपनी बातों और अनुभवों से फेसबुक की उपयोगिता सिद्ध की वहीं कुछ लोगों ने फेसबुक पर फेक मित्रों व ओछी मानसिकता के लोगों से बचकर रहने की सलाह भी दी।
     इस अवसर पर आयोजित विभिन्न सत्रों में मित्रों ने जहाँ अनेक कवियों की कविताओं का लुत्फ उठाया वहीं कुछ गायकों की गायिकी का भी आनन्द लिया। कवियों में शामिल सर्वश्री विजय भाटिया ‘काका’, हरभजन सिंह, लाल बिहारी लाल, राम निवास ‘इंडिया’, शोभा रस्तोगी ‘शोभा’ एवं मंच पर पदासीन विशिष्ट अतिथियों आदि ने अपनी सुमधुर कविताएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। गीत, संगीत के सत्र में सर्वश्री किशोर वांकड़े के गीत, अशोक कुमार की पैरोडी व किशोर श्रीवास्तव की गीतों भरी मिमिक्री ने भी श्रोताओं को झूमने पर मज़बूर कर दिया। कार्यक्रम के अंत में युवा जादूगर श्री अमर सिंह निषाद ने अपनी जादूगरी के जल्वे दिखाकर श्रोताओं को दांतो तले उंगली दबाने पर मज़बूर कर दिया।
     शिविर व संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों का संचालन सर्वश्री विनोद बब्बर, नमिता राकेश व किशोर श्रीवास्तव ने अपने अनूठे व रोचक अंदाज़ में किया। अंत में विभिन्न प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
                      - प्रस्तुतिः लाल बिहारी लाल, नई दिल्ली, मो. 9868163073

Thursday, August 11, 2011

‘संस्कार’ अंक हेतु प्रकाशन सामग्री आमंत्रित

हम सब साथ साथ पत्रिका का नवंबर-दिसंबर,2011 अंक ‘संस्कार’ अंक होगा। इसके लिए रचनाकारों से देश और विदेशों में कल और वर्तमान के अच्छे-बुरे संस्कार, समाज पर उनका प्रभाव, संस्कारों से देश, समाज व लोगों की पहचान, उनका रूप, उनकी स्थिति, दशा, दिशा, लाभ-हानि, आदि को केंद्र में रखकर सरगर्भित व चिंतन-मनन योग्य स्वरचित व अप्रकाशित मुद्दा आधारित लेख, कहानी, लघुकथा, कविता, गीत व ग़ज़ल आदि आमंत्रित हैं। इस अंक के विचार-विमर्श स्तंभ हेतु ‘हमारे संस्कार हमें कितना आगे ले जाते हैं और कितना पीछे’ विषय पर संक्षिप्त व सारगर्भित विचार भी फोटो सहित दिनांकः 30.9.2011 तक प्रकाशनार्थ आमंत्रित हैं। 
इस पत्रिका को पहली बार सामग्री भेजने वाले रचनाकार आपना फोटो, परिचय भी प्रेषित करें। 
पताः हम सब साथ साथ, 916- बाबा फरीदपुरी, वेस्ट पटेल नगर, नई दिल्ली-110008
ईमेलः humsabsathsath@gmail.com, hsss2004@indiatimes.com     मोः 9868709348

Sunday, July 24, 2011

मैत्री शिविर का आयोजन

"हम सब साथ साथ" द्वारा मैत्री-भाईचारे, पारस्परिक सौहार्द एवं प्रतिभाओं को उचित मंच व मान देने के अपने उद्वेश्यों की पूर्ति हेतु आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के क्रम में इस बार अपने सहयोगी प्रकाशन ‘राष्ट्रकिंकर’ के साथ मिलकर फेसबुक पर जुड़े अपने अनेक मित्रों की मांग पर एक मनोरंजक चाय पार्टी का आयोजन कर रहा है।
इसमें सदस्यगण एक-दूसरे से परिचित तो होंगे ही फेसबुक के अपने खट्टे-मीठे अनुभवों को भी बांटेंगे। और हां, श्रेष्ठ अनुभवों को हम सम्मानित भी करेंगे। कोई अपनी अच्छी कविता पढ़ना या गीत गाना चाहे तो उसका भी स्वागत रहेगा।
इसमें दिल्ली एनसीआर के अलावा अन्य जगहों के मित्रगण भी सुविधानुसार शामिल हो सकेंगे। पर आपको अपना नाम/ईमेल/मो. नं. और प्रस्तुत करने वाली सामग्री (यदि कोई हो) हमें पहले बतानी होगी।
केवल पूर्व स्वीकृत अनुभवों आदि को ही सुनाने की सुविधा रहेगी। कार्यक्रम स्थल की निश्चित सूचना आपका नाम प्राप्त होने पर आपको भेज दी जाएगी। इसमें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा। 

Mo. हम सब साथ साथ-9868709348, राष्ट्रकिंकर-9868211911

समय:14 अगस्त,2011 · 14:30 to 18:00

स्थान:
उत्तम नगर, मैट्रो स्टेशन के पास, नई दिल्ली

 


Monday, July 11, 2011

वृद्धावस्था पर केंद्रित रचनाएं आमंत्रितः

हम सब साथ साथ पत्रिका का सितंबर-अक्तूबर, 2011 अंक ‘‘वृद्धावस्था’’ पर केंद्रित रहेगा। इसके लिए समाज मे बुजुर्गों की कल और आज की स्थिति, उनका महत्व, मान-अपमान, समाज व परिवार का उनके प्रति व उनका दूसरों के प्रति नज़रिया आदि को केंद्र में रखकर लिखी गई सारगर्भित व चिंतन-मनन योग्य उत्कृष्ट प्रकाशन सामग्री (मुद्दा, कहानी, लघुकथा, व्यंग्य, कविताएं आदि) आमंत्रित हैं। इसी अंक के विचार-विमर्श स्तंभ हेतु ‘वृद्धावस्था अभिशाप या वरदान ?’ विषय पर सारगर्भित विचार गद्य (250 शब्दों में) या पद्य (150 शब्दों में पासपोर्ट आकार के साफ फोटोग्राफ सहित प्रेषित करें। ‘हम सब साथ साथ’ को पहली बार अपनी रचनाएं भेजते समय कृपया अपना परिचय व पासपोर्ट आकार का फोटोग्राफ अवश्य भेजें। रचनाएं डाक व ईमेल किसी भी माध्यम् से भेजी जा सकती हैं। रचनाएं डाक से भेजें तो कृप्या लिफाफे पर ‘‘वृद्धावस्था अंक, 2011’’लिखें।
अंतिम तिथिः 30 जुलाई, 2011
निर्णय की सूचना या रचना की वापसी हेतु जवाबी पोस्टकार्ड/लिफाफा संलग्न किया जा सकता है।
पताः संपादक-हम सब साथ साथ पत्रिका, 916, बाबा फरीदपुरी, वेस्ट पटेल नगर,
नई दिल्ली-110008 मो. 9868709348 एवं 9716654047
email: humsabsathsath@gmail.com, hsss2004@indiatimes.com

Wednesday, May 11, 2011

तृतीय स्व. मिथलेश-रामेश्वर प्रतिभा सम्मान, 2011





पर्युक्त सम्मान योजना के अंतर्गत इस वर्ष ये सम्मान बाल साहित्य एवं कार्टून विधा में देने का प्रस्ताव है। इसके लिए बाल साहित्य एवं कार्टून के क्षेत्र में विगत कम से कम 20 वर्षों से संलग्न व उल्लेखनीय उपलब्धिधारक मौलिक प्रतिभाएं अपनी श्रेष्ठ कृतियों (मूल)/प्रकाशित रचनाओं (अलग-अलग वर्षों की कम से कम 20 श्रेष्ठ रचनाओं/कार्टूनों की फोटो प्रति) के साथ अपनी प्रविष्टि स्वयं के पूर्ण विवरण, फोटो, एक स्वयं का पता लिखा जवाबी लिफाफा व पोस्टकार्ड के साथ 16 अगस्त, 2011 तक नीचे दिए गए पते पर प्रेषित करें। यह सम्मान एक कार्यक्रम के दौरान झॉंसी या दिल्ली में सितंबर/अक्तूबर,11 माह में प्रदान किया जाएगा। इसके लिए केवल वही प्रतिभाएं अपनी प्रविष्टि प्रेषित करें जो स्वयं कार्यक्रम में पहुंचकर अपना सम्मान ले सकें। जिन प्रतिभाओं को हम सब साथ साथ का पहले ही कोई सम्मान प्राप्त हो चुका हो वे कृपया इसके लिए अपनी प्रविष्टि प्रेषित न करें। यह योजना निःशुल्क है। इसमें निर्णायकों का निर्णय अंतिम व सर्वमान्य होगा। प्रविष्टि भेजते समय प्रविष्टि के लिफाफे पर ऊपर कोने में ‘स्व. मिथलेश-रामेश्वर सम्मान’ अवश्य लिखें।

प्रविष्टि भेजने का पताः
एस. श्रीवास्तव,
संपादक- हम सब साथ साथ पत्रिका,
916, बाबा फरीदपुरी, पश्चिमी पटेल नगर,
नई दिल्ली-110008 मो. 9868709348, 8447673015, 9716654047 

email: humsabsathsath@gmail.com

Wednesday, March 23, 2011

अंधविश्वास व समाज में व्याप्त ढकोसलों पर रचनाएं आमंत्रित:

हम सब साथ साथ पत्रिका का जुलाई-अगस्त, 2011 अंक अंधविश्वास व समाज में व्याप्त ढकोसलों पर केंद्रित रहेगा। इसके लिए इनकी कल और आज की स्थिति, तीज-त्यौहारों, विभिन्न धर्म, संप्रदायों में अंधविश्वास/ढकोसलों का स्थान, समाज पर उनका प्रभाव एवं दुष्परिणामों आदि पर केंद्रित सारगर्भित व चिंतन-मनन योग्य उत्कष्ट प्रकाशन सामग्री (मुद्दा, कहानी, लघुकथा, व्यंग्य, कविताएं आदि) आमंत्रित हैं। इसी अंक के विचार-विमर्श स्तंभ हेतु ‘क्यों हैं अंधविश्वास व ढकोसले हमारे जीवन के संगी-साथी?’ विषय पर सारगर्भित विचार गद्य (250 शब्दों में) या पद्य (150 शब्दों में पासपोर्ट आकार के साफ फोटोग्राफ सहित प्रेषित करें। ‘हम सब साथ साथ’ को पहली बार अपनी रचनाएं भेजते समय कृपया अपना परिचय व पासपोर्ट आकार का फोटोग्राफ अवश्य भेजें।
अंतिम तिथिः 30 मई, 2011
निर्णय की सूचना या रचना की वापसी हेतु जवाबी पोस्टकार्ड/ लिफाफा संलग्न
किया जा सकता है।
पताः संपादक-हम सब साथ साथ पत्रिका, 916, बाबा फरीदपुरी, वेस्ट पटेल नगर,
नई दिल्ली-110008 मो. 9868709348 एवं 9716654047
email: humsabsathsath@gmail.com, hsss2004@indiatimes.com



Tuesday, February 22, 2011

रचनाएं आमंत्रित

हम सब साथ साथ पत्रिका के स्त्री-पुरुष संबंधों पर आधारित may -june ,2011 अंक हेतु स्त्री-पुरुष संबंधों की कल और आज की स्थिति/दशा-दिशा, शास्वत प्रेम संबंध आदि के संदर्भ में स्वरचित, मौलिक व अप्रकाशित चिंतन-मनन योग्य उत्कृष्ट रचनाएं (मुद्दा आधारित लेख, कविता, कहानी, लघुकथा, व्यंग्य आदि) 20 march, 2011 तक आमंत्रित हैं। इसी अंक के विचार-विमर्श स्तंभ हेतु ‘लिव इन रिलेशनशिपः कितना नफा, कितना नुकसान’ विषय पर पाठकों/लेखकों के सारगर्भित विचार भी आमंत्रित हैं। इस पत्रिका को पहली बार अपनी रचनाएं भेजते समय रचनाकार अपना फोटो व परिचय भी अवश्य प्रेषित करें। इमेल- humsabsathsath@gmail.com, hsss2004@indiatimes.com


Wednesday, January 12, 2011

राष्ट्र-किंकर के संस्कृति सम्मान समारोह में सम्मानित हुए हम सब साथ साथ के अनेक सदस्य

विक्रमशिला विद्यापीठ द्वारा प्रदत्त भाषा रत्न की मानद उपाधि

प्राप्त करते किशोर श्रीवास्तव

महापौर से राष्ट्र-किंकर सम्मान ग्रहण करतीं सुषमा भंडारी

सुरजीत सिंह जोबन का स्वागत करते हुए

मदन लाल श्रीवास्तव
नई दिल्ली। यहां मकर संक्रांति के शुभ पर्व पर हमेशा की तरह इस बार भी ‘हम सब साथ साथ’ की सहयोगी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘राष्ट्र-किंकर’ द्वारा संस्कृति सम्मान समारोह पूरी गरिमा व भव्यता के साथ मनाया गया। इसमें देश-विदेश से पधारे विद्वानों ने भारतीय संस्कृति को समृद्ध बनाने का संकल्प भी लिया। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि गुजरात से पधारे स्वामी डॉ. गौरांगशरण देवाचार्य तथा दिल्ली के महापौर श्री पृथ्वीराज साहनी ने संस्कृति सम्मान प्रदान करते हुए भारतीय संस्कृति के विश्वव्यापी प्रभावों की चर्चा करते हुए उसे सर्वाधिक वैज्ञानिक बताया। उन्होंने युवाओं विशेष रूप से बढ़ते बच्चों पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया। समारोह के अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के सिद्धहस्त शिल्पी श्री गिर्राजप्रसाद एवं विशिष्ट अतिथि दिल्ली सरकार की भोजपुरी अकादमी के माननीय सदस्य प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. रमाशंकर श्रीवास्तव व आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री ने अपने विशिष्ट अंदाज में स्वयं को तथाकथित मार्डन घोषित करने वालो तथा मीडिया के एक वर्ग द्वारा सांस्कृतिक प्रदूषण फैलाने की आलोचना करते हुए देश के बुद्धिजीवी वर्ग से सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। इससे पूर्व गायत्री परिवार की शाखा भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के प्रदेश संयोजक श्री खैराती लाल सचदेवा ने प्रतिकूल मौसम के बावजूद देश के कोने से कोने से पधारे सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्था के साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यों की जानकारी दी।

राष्ट्र-किंकर एवं भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा की ओर से हर वर्ष मकर-संक्रांति के अवसर पर प्रदान किए जाने वाले संस्कृति सम्मान वैदिक विद्वान प्रो. डा. सुन्दरलाल कथूरिया एवं सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. देवेन्द्र आर्य सहित हम सब साथ साथ के सदस्यों सर्वश्री प्रो. शरदनारायण खरे, मंडला, शिलांग के डॉ. अकेला भाई, दिल्ली की श्रीमती सुषमा भंडारी को प्रदान किया गया। इस अवसर पर विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों को हाल ही में प्रदत्त मानित उपाधियां भी राष्ट्र किंकर द्वारा उपर्युक्त मंच से प्रदान की गईं जिनमें हम सब साथ साथ के सदस्यों सर्वश्री अखिलेश द्विवेदी, दिल्ली, डा. शमीम देवबन्दी, देवबंद एवं किशोर श्रीवास्तव, दिल्ली के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

इसी अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में सर्वश्री महेन्द्रपाल काम्बोज, श्री गोपाल नारसन (रूड़की), नंदलाल रसिक, डॉ. सुरजीत सिंह जोबन, सुषमा भंडारी, शोभा रस्तौगी, रशीद सैदपुरी एवं किशोर श्रीवास्तव (दिल्ली) ने अपनी काव्य रचनाओं व ओजस्वी वाणी से खूब समा बांधा।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीपयज्ञ के पश्चात रेड रोज पब्लिक स्कूल रामा पार्क के नन्हें-मुन्ने बच्चों द्वारा वंदेमातरम् से हुआ।


कार्यक्रम का संचालन राष्ट्र-किंकर के संपादक एव ‘हम सब साथ साथ’ के सलाहकार श्री विनोद बब्बर ने अत्यन्त रोचक व मनोरंजक शैली में किया। समस्त कार्यक्रम इतना लुभावना था कि भारी ठंड के बावजूद श्रोतागण अंत तक अपनी कुर्सियों से चिपके रहे।


-रिपोर्ट: द्वारा लाल बिहारी लाल (मीडिया प्रभारी), हससासा, नई दिल्ली