नई दिल्ली। यहां पंचवटी लोकसेवा समिति (पंजीकृत) द्वारा ं हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के पश्चात राष्ट्र-भाषा हिन्दी के संवर्द्धन में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 11 विद्वानों एवं सी.बी.एस.ई. की परीक्षा में 90 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 50 से अधिक छात्रों को सम्मानित किया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति के भाषा सलाहकार रहे डॉ. परमानंद पांचाल, विशिष्ट अतिथि हिन्दी संस्थान के अध्यक्ष रहे प्रो. नित्यानंद पाण्डेय एवं अध्यक्ष थे विवेकानंद मिशन के संचालक स्वामी विवेक भारती तथा पंचवटी लोकसेवा समिति के संरक्षक श्री अम्बरीश कुमार। समारोह के दौरान राष्ट्रभाषा हिंदी की उत्कृष्ट सेवा के लिए जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें ‘हम सब साथ साथ’ पत्रिका परिवार के सदस्यों सर्वश्री बीकानेर के अशफाक कादरी, मेरठ के शिवानंद सिंह सहयोगी, दिल्ली की शोभा रस्तोगी, अशोक कुमार, भवानीमंडी के राजेश पुरोहित एवं वाराणसी की डॉ. प्रेरणा दुबे सहित पदमश्री डॉ. रविन्द्र कुमार, सोनीपत हिन्दू कालेज के डीन. प्रो. ओमीश परुथी, अमलनेर, महाराष्ट्र के डॉ. सुरेश महेश्वरी,, असम विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्ष डॉ. शुभदा पाण्डेय के नाम उल्लेखनीय हैं। इस अवसर पर देवबंद के पत्रकार श्री ओमवीर सिंह को पत्रकार गौरव-सम्मान भी प्रदान किया गया।
समारोह में बोलते हुए मुख्य अतिथि डॉ. परमानंद पांचाल ने राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रति हमारी निक्रियता तथा अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार तथा आम जनता से हिन्दी के विकास पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने पंचवटी लोकसेवा समिति द्वारा राष्ट्रभाषा को प्रोत्साहित करने की सराहना करते हुए सभी सम्मानित छात्रों एवं साहित्यकारों के प्रति अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। विशिष्ट अतिथि प्रो. नित्यानंद पाण्डेय ने भाषा के लिए सभी को आत्मचिंतन की सलाह दी तो अध्यक्षता कर रहे स्वामी विवेक भारती ने 11 सितम्बर को आचार्य विनोबा भावे की जयन्ती, अमेरिका में ट्विन टावर विनाश, के साथ-साथ स्वामी विवेकानंद जी द्वारा शिकागों में किये गये उद्घोष दिवस की जानकारी देते हुए सभी से हिन्दी में ही हस्ताक्षर करने का संकल्प लेने का आह्वान किया तो समारोह में उपस्थित सैंकड़ों हिन्दी प्रेमियों ने करतल ध्वनि से उनका अनुसरण करने की पुष्टि की। इस अवसर पर डॉ. विनोद बब्बर के सद्य प्रकाशित कहानी संग्रह ’फटा कोट’ तथा श्री चंदुलाल भदौरिया के काव्य संग्रह ‘सरसपान’ तथा ‘अर्पित श्रद्धा-अर्पित स्वर’ का लोकार्पण भी किया गया।
कविसम्मेलन का आगाज गीतकार नंदलाल ‘रसिक’ के सुमधुर स्वर से हुआ जिसमें श्री अमरेन्दर कुमार, डॉ. चन्द्रसेन (हिन्दी अकादमी), श्री सत्यदेव हरियाणी, श्री विनोद बंसल, श्री जितेन्द्र कुमार, श्री प्रद्युम्मन, प्रो. ओमीश परुथी सहित अनेक कवियों ने हिन्दी तथा हिन्दुस्तान का महिमागान करते हुए अपनी श्रेष्ठ रचनाएं सुनाई तो श्री किशोर श्रीवास्तव द्वारा गीतमय मिमिक्री कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रही।
-रपटः लाल बिहारी लाल, नई दिल्ली
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