कहानी समाहित किए हुए रहती है। इसके पूर्व सम्मेलन की शुरूआत रेडियो सिंगर श्रीमती सुधा उपाध्याय की सरस्वती वंदना से हुई तत्पश्चात् कथाकार श्री बलराम ने लघुकथा के विका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लघुकथा आज विकासोन्मुख है। सम्मेलन हेतु उ.प्र., म.प्र., राजस्थान, हरियाणा, उत्तराख्ड, प. बंगाल एवं दिल्ली आदि से दो दर्जन से भी अधिक लघुकथाकारों को चयनित किया गया
था। जिसमें से सम्मेलन में उपस्थित लघुकथाकारों ने अपनी श्रेष्ठ लघुकथाओं का पाठ किया और उसके पश्चात् उन्हें स्मृति चिन्ह, प्रमाणपत्र, पुस्तकें प्रदान कर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
लघुकथा पाठ एवं सम्मान हेतु चयनित वरिष्ठ लघुकथाकारों में सर्वश्री मो. मुइनुद्दीन अतहर, सनातन वाजपेयी, के. एल. दिवान, मनोहर शर्मा, देवेन्द्र नाथ शाह, सत्यपाल निश्चिंत, गणेश प्रसाद महतो, राम बहादुर व्यथित, प्रदीप शशांक तेजिन्द्र, माला वर्मा, अकेला भाइ, शरदनारायण खरे, दिनेश कुमार छाजेड़ आरती वर्मा, गीता गीत, देवांशु पाल, ज्योति जैन, नंदलाल भारती, एम. अशफा कादरी एवं युवा लघुकथाकारों में सर्वश्री महावीर रवांल्टा, संतोष सुपेकर शोभा रस्तोगी, समद राही, नरेन्द्र कुमार गौड़, कैलाशचंद्र जोशी, पंक शर्मा एवं लाल बिहारी लाल के नाम उल्लेखनीय रहे।
समारोह का सफल संचालन सर्वश्री विनोद बब्बर एवं विवेक मिश्र ने किया एव
आभार पत्रिका के कार्यकारी संपादक श्री किशोर श्रीवास्तव ने व्यक्त किया।
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