निम्बार्क शोध संस्थानम् द्वारा हम सब साथ साथ के सदस्यों का सम्मान
हिम्मत नगर। गुजरात की इस नगरी में निम्बार्क शोध संस्थानम् द्वारा आयोजित दो दिवसीय संस्कृत-हिन्दी संगोष्ठी में देश के विभिन्न से पधारे विद्वानों ने राष्ट्रीय एकता में राष्ट्रभाषा के योगदान पर चर्चा की। कार्यक्रम संयोजक एवं संस्थान के अध्यक्ष स्वामी डाण् गौरांगशरण देवाचार्य ने अपने उद्बोधन में संस्कृत को विश्व भाषा बताते हुए भारतीय भाषाओं पर संस्कृत के प्रभाव की चर्चा की। मुख्य अतिथि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री केण् जीण् वंजारा ने संस्कृत को संस्कृति का आधार बाताते हुए चर्चा के विषय ष्संस्कृत साहित्य में नारी संवेदनाष् पर अपने विचार प्रकट किये। विकासशील जातीय कल्याणए गुजरात राज्य के निदेशक श्री वंजारा ने गीता के श्लोकों को उद्धृत करते हुए संस्कृत विद्वानों का अभिनन्दन किया। मुख्य वक्ता प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे डा. सोमदत्त दीक्षित ने संस्कृत के विभिन्न ग्रन्थों के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए नारी संवेदना और संस्कृत साहित्य का पूरक सिद्ध किया।इस अवसर पर डा. योगिनी पटेल, डा. हर्षा पटेल, डा. व्यास, डा. राकेश जोशी सहित अनेक विद्वानों ने अपने आलेख प्रस्तुत किये। इस अवसर पर संस्कृत की रक्षा करने के लिए डा. दीक्षित को निम्बार्क देववाणी दधिचि सम्मान प्रदान किया। उन्हें पुष्प गुच्छए शाल, प्रशस्ति पत्र तथा 5100 रुपये की राशि भेंट की गई। प्रथम दिवस विभिन्न कालेज के प्राचार्यों, छात्रों एवं बड़ी संख्या में संस्कृत प्रेमियों ने भी भाग लिया।
द्वितीय दिवस ’बदलते वैश्विक परिदृश्य में हिन्दीष्’् को समर्पित था। वक्ताओं में गुरूनानक विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. हरमहेन्द्र सिंह बेदी, राष्ट्रकिंकर संपादक. विनोद बब्बर, कापड़िया महिला कालेज, भावनगर की हिन्दी विभाग अध्यक्ष डा. सुमन शर्मा, जूनागढ़ आर्ट कॉलेज के कालेज विभागाध्यक्ष डा. कान्ति भाई चौटालिया भी शामिल थे। वक्ताओं ने राष्ट्रभाषा के सम्मान की चर्चा करते हुए इसके अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया। इस अवसर अहिन्दी भाषी होते हुए भी हिन्दी के संवर्धन में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित निम्बार्क राष्ट्र सम्मान डा. हरमहेन्द्र सिंह बेदी को दिया गया। उन्हें ग्यारह हजार की नकद राशिए प्रशस्ति पत्र, शाल आदि भेंट किया गया। श्रेष्ठ कृति सम्मान विनोद बब्बर के यात्रा वृतांत ‘इब्सन के देश में’ को दिया गया। सर्वाधिक लम्बी हिन्दी गज़ल के विश्वरिकार्ड धारी गोला गोकरणनाथ के डा. मधुकर शैदाई तथा पटियाला के सागर सूद को निम्बार्क गज़ल शिरोमणि सम्मान में नकद राशि, शाल, शील्ड अर्पित कर कृतज्ञता ज्ञापित की गई। अनेक अन्य सम्मान भी प्रदान किये गये।
इस अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में भाग लेने वालों में सागर सूद, मधुकर शैदाई, इरफान राही भी शामिल थे।
इस अवसर पर आयोजित सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार और गुदगुदाने वाले पोस्टरों की किशोर श्रीवास्तव कृत ‘खरी-खरी’ कार्टून पोस्टर प्रदर्शनी को भी लोगों ने खूब सराहा। किशोर श्रीवास्तव द्वारा मंच पर प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने हिम्मत नगर के सहकार हाल में उपस्थित सैंकड़ों नागरिकों तथा विभिन्न भागों से आये हिन्दी प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी बहुमुखी प्रतिभा के कारण उन्हें ‘निम्बार्क सांस्कृतिक राजदूत सम्मान’ से नवाजा गया।
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